ईश्वर ने कहा – “अवश्य. जो चाहे पूछो.”
भक्त ने कहा – “प्रभु, आप तो इस सृष्टि में अनादि-अनंत काल से हैं. ऐसे में ‘एक हज़ार साल’ आपके लिए कितना
समय होगा?
ईश्वर ने उत्तर दिया – “पुत्र, एक हज़ार साल मेरे लिए पांच मिनट के बराबर हैं.”
भक्त ने पुनः पूछा – “यह तो अद्भुत है! तो फिर आपके लिए दस लाख रूपये कितने रुपयों के बराबर हैं?
ईश्वर ने कहा – “मेरे लिए दस लाख रूपये पांच पैसों के बराबर हैं”
यह सुनकर भक्त ने अतिउत्साह से पूछा – “अच्छा! तो प्रभु क्या आप मुझे पांच पैसे दे सकते हैं?”
ईश्वर ने भक्त की ओर मुस्कुराकर देखा और कहा – “क्यों नहीं पुत्र? तुम सिर्फ पांच मिनट के लिए प्रतीक्षा करो और मैं तुम्हें दे दूंगा.”
भक्त ने कहा – “प्रभु, आप तो इस सृष्टि में अनादि-अनंत काल से हैं. ऐसे में ‘एक हज़ार साल’ आपके लिए कितना
समय होगा?
ईश्वर ने उत्तर दिया – “पुत्र, एक हज़ार साल मेरे लिए पांच मिनट के बराबर हैं.”
भक्त ने पुनः पूछा – “यह तो अद्भुत है! तो फिर आपके लिए दस लाख रूपये कितने रुपयों के बराबर हैं?
ईश्वर ने कहा – “मेरे लिए दस लाख रूपये पांच पैसों के बराबर हैं”
यह सुनकर भक्त ने अतिउत्साह से पूछा – “अच्छा! तो प्रभु क्या आप मुझे पांच पैसे दे सकते हैं?”
ईश्वर ने भक्त की ओर मुस्कुराकर देखा और कहा – “क्यों नहीं पुत्र? तुम सिर्फ पांच मिनट के लिए प्रतीक्षा करो और मैं तुम्हें दे दूंगा.”
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