छिपा रहे थे हर जज्बात को वो,
दर्द ए दिल का हाल कह गया उनका चेहरा ।
हर बात तो उन्होने छिपा रखी थी,
हर बात उनकी कह गया उनका हंसी चेहरा ॥
थरथरते होंठ जो नहीं खुल सके थे उनके,
हमने पढ लिया उनका वो मासूम चेहरा ।
अब जो शर्माते है वो कुछ कहने से,
जुबाँ बन गया खुद उनका चेहरा ।
दिल जख्मों से भरा दिखाना था उनको,
पर कुछ न कह सका "दीपेश" देखकर उनका प्यारा चेहरा ॥
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