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Wednesday, March 16, 2011

एहसास



 
लेटा था अपने बिस्तर पर कुछ सोचते हुए

सहसा ठक&ठक सी आवाज हुई दरवाजे पर 


ऐसा लगा कि तुम दस्तक सी दे रही हो 


मै उठा  दरवाजा खोला यह देख 


हैरान हुआ कि कोई न था  दरवाजे पर 


लेटा था बिस्तर पर अपने कुछ सोचते हुए 


सहसा ठक-ठक सी फिर आवाज हुई दरवाजे पर 


ऐसा लगा कि तुम ही हो जो दस्तक सी दे रही हो 


लेकिन यह क्या कि अचानक मेरा हाथ मेरे सिने पर गया 


तो एहसास हुआ कि ठक&ठक सी आवाज जो 

दरवाजे पर हो रह थी दरवाजे कि नहीं 


मेरे दिल के धड़कने कि आवाज थी 

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